नया राशन कार्ड: राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर का नाम ‘राशन मित्र’ रखा गया है। इसका उपयोग देश में कहीं से भी लोग राशन कार्ड बनवाने के लिए कर सकते हैं। खाद्य सचिव सुधांशु पांडे के अनुसार पिछले 7 से 8 वर्षों में लगभग 18 से 19 करोड़ लाभार्थियों के लगभग 4.7 करोड़ राशन कार्ड विभिन्न कारणों से रद्द किए गए हैं।
राशन कार्ड को लेकर केंद्र सरकार ने एक नई पहल की है। सरकार ने देश के 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में राशन कार्ड में नामांकन के लिए कॉमन रजिस्ट्रेशन सुविधा शुरू की है. फिलहाल इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया गया है। खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने बताया कि यह सुविधा राज्यों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत कवरेज के लिए पात्र लाभार्थियों की पहचान सत्यापित करने में मदद करेगी।
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा विकसित इस सॉफ्टवेयर को ‘राशन मित्र’ नाम दिया गया है। इसका उपयोग देश में कहीं से भी लोग राशन कार्ड बनवाने के लिए कर सकते हैं। लगभग 81.35 करोड़ लोगों को एनएफएसए के तहत कवरेज मिलता है।
कितने लाभार्थियों को जोड़ा जा सकता है?
वर्तमान में इस अधिनियम के तहत लगभग 79.77 करोड़ लोगों को अत्यधिक रियायती आधार पर खाद्यान्न दिया जाता है। तदनुसार, एनएफएसए के तहत 1.58 करोड़ और लाभार्थियों को जोड़ा जा सकता है। सुधांशु पांडेय ने कहा कि पंजीकरण सुविधा का मुख्य उद्देश्य राज्यों में पात्र लाभार्थियों की पहचान करना है. इसके तहत उन लोगों को राशन कार्ड जारी करने में मदद मिलेगी जो इसके लिए पात्र हैं।
कितने रद्द हुए राशन कार्ड?
खाद्य सचिव सुधांशु पांडे के अनुसार पिछले 7 से 8 वर्षों में लगभग 18 से 19 करोड़ लाभार्थियों के लगभग 4.7 करोड़ राशन कार्ड विभिन्न कारणों से रद्द किए गए हैं। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा पात्र लाभार्थियों को नियमित आधार पर नए कार्ड भी जारी किए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि नई वेब आधारित सुविधा वर्तमान में 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में उपलब्ध होगी। इस महीने के अंत तक देश के सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इसे शुरू कर दिया जाएगा।
इन राज्यों में हुई शुरुआत
सचिव के अनुसार इन 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में असम, गोवा, लक्षद्वीप, महाराष्ट्र, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा, पंजाब और उत्तराखंड शामिल हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत देश की 67 प्रतिशत आबादी को रियायती दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है।
राशन मित्र सरकार द्वारा शुरू किया गया एक एप्लीकेशन है। राज्य के नागरिक अपने मोबाइल फोन में डाउनलोड करके राशन कार्ड के लिए अपना पंजीकरण करा सकते हैं। इस ऐप को सरकार ने राज्य खाद्य सुरक्षा अधिनियम के साथ मिलकर शुरू किया है।